दशरथ मांझी का नाम तो आपने सुना ही होगा। आप कहेंगे कौन दशरथ मांझी ? वही जिनको बिहार का माउंटेन मैन कहा जाता है। जिनकी कहानी पर फिल्म भी बनी है। लेकिन भारत जैसे विशाल देश में तलाशने पर कई दशरथ मांझी जैसे लोग मिल ही जाते हैं। जी हां, ऐसे ही एक मांझी मध्य प्रदेश के सीधी में मिल गए हैं।
मध्य प्रदेश के सीधी में माउंटेन मैन की तरह एक वाटर मैन सामने आए हैं। इस वाटर मैन की कहानी भी दशरथ मांझी के जैसी ही है। आप सभी जानते होंगे कि कैसे दशरथ मांझी ने अपनी पत्नी की याद में छैनी और हथौड़ा से 25 फीट ऊंचा पहाड़ का तोड़कर 360 फीट लंबी और 30 फीट चौड़ी सड़क निकाल कर सबको हैरान कर दिया था।
मांझी की तरह ही अपनी पत्नी से प्यार में पराक्रम कर दिखाने का एक ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के सीधी ज़िले से निकल आया है। यहां बरबंधा गांव के एक हरिसंह नाम के व्यक्ति ने भी एक पहाड़ को चीर कर पानी के लिए 60 फिट गहरा कुंआ खोद डाला। हरि सिंह को भी लोग वाटर मैन कहने लगे हैं। इनकी कहानी भी बड़ी दिलचस्प है।
अकेले 60 फिट गहरा कुंआ खोद बने MP के दशरथ मांझी
वाटर मैन हरि सिंह के पहाड़ तोड़कर कुंआ निकालने का कारण पत्नी से प्यार है। 40 साल के हरि सिंह बताते हैं कि मेरी पत्नी सियावती को हमेशा पीने का पानी लाने के लिए परेशान होती थी। गांव से वो दो किलोमीटर दूर जाकर पानी लेकर लेकर आती थी। मुझे ये देखकर दुख होता था। इसके चलते मैं ऐसा करने पर मजबूर हो गया।
पत्नी से प्यार को साहस बनाकर हरि सिंह ने तीन साल लगातार दिन-रात मेहनत करके 20 फीट चौड़ा और 60 फीट गहरा कुआं खोद निकाला। हालांकि इस कुएं में अभी मामूली सा ही पानी ही निकल रहा है, लेकिन वाटर मैन अब भी खुदाई कर रहे हैं। हरि सिंह को उम्मीद है कि नीचे ज़्यादा पानी निकलेगा।
वाटर मैन हरि सिंह कहते हैं कि उनसे अपनी पत्नी की परेशानी देखी नहीं जाती थी। फिर उन्होंने कुआं खोदने की ठान ली। उन्होंने कहा कि जब तक मुझे सही से पानी नहीं मिल जाता, तब तक कुआं खोदता ही रहूंगा। हालांकि उन्हें इस बात का मलाल है कि शासन-प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली। वे बेहद ग़रीब हैं। उनके पास 50 डिसमिल ज़मीन का पट्टा है और म़जदूरी करके घर अपना घर चलाते हैं।
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